कतरा कतरा मिलती है - The Indic Lyrics Database

कतरा कतरा मिलती है

गीतकार - गुलजार | गायक - आशा भोसले | संगीत - राहुल देव बर्मन | फ़िल्म - इजाज़त | वर्ष - 1987

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कतरा कतरा मिलती है
कतरा कतरा जीने दो
ज़िन्दगी है, बहने दो
प्यासी हूँ मैं, प्यासी रहने दो
रहने दो ना.. ..
कल भी तो कुछ ऐसा ही हुआ था
नींद में थी, तुमने जब छुआ था
गिरते गिरते बाँहों में बची मैं
सपने पे पाँव पड़ गया था
सपनों में बहने दो
प्यासी हूँ मैं, प्यासी रहने दो
रहने दो ना.. ..
तुम ने तो आकाश बिछाया
मेरे नंगे पैरों में ज़मीं है
पा के भी तुम्हारी आरज़ू हो
शायद ऐसी ज़िंदगी हसीं है
आरज़ू में बहने दो
प्यासी हूँ मैं, प्यासी रहने दो
रहने दो ना.. ..
हल्के हल्के कोहरे के धुएँ में
शायद आसमां तक आ गयी हूँ
तेरी दो निगाहों के सहारे
देखो तो कहाँ तक आ गयी हूँ
कोहरे में बहने दो
प्यासी हूँ मैं, प्यासी रहने दो
रहने दो ना.. ..