जिन्दगी जब भी तेरी बज़्म में लाती है हमें - The Indic Lyrics Database

जिन्दगी जब भी तेरी बज़्म में लाती है हमें

गीतकार - इन्दीवर | गायक - किशोर कुमार | संगीत - खय्याम | फ़िल्म - सफ़र | वर्ष - 1970

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ज़िन्दगी जब भी तेरी बज़्म में लाती है हमें
ये ज़मीं चाँद से बेहतर नज़र आती है हमें
सुर्ख़ फूलों से महक उठती हैं दिल की राहें
दिन ढले यूँ तेरी आवाज़ बुलाती है हमें
याद तेरी कभी दस्तक, कभी सरगोशी से
रात के पिछले पहर रोज जगाती है हमें
हर मुलाक़ात का अंजाम जुदाई क्यों है
अब तो हर वक़्त यही बात सताती है हमें