कैसा सामान जाने चलें हम दोनों किधर - The Indic Lyrics Database

कैसा सामान जाने चलें हम दोनों किधर

गीतकार - दीपक चौधरी | गायक - कुमार शानू, अलका याज्ञनिक | संगीत - दीपक चौधरी | फ़िल्म - अफ़सर | वर्ष - 2001

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कैसा समां कैसा सफ़र जानें चलें हम दोनों किधर
फिर से राहों में संग चलना है
फिर से ख्वाबों में रंग भरना है
फिर से जीना है फिर से मरना हैबेचैनियां बेताबियां कहने लगी दिल की ज़ुबां
खामोशियां तन्हाइयां लगने लगीं कितनी जवां
हाय तौबा अदा तौबा असर जानें चलें हम दोनों किधर
आज कदमों को फिर बहकना है आज साँसों को फिर महकना है
फिर से जीना है ...यूं ना मचल थोड़ा स.म्भल बहके कदम ना जाएं फिसल
तुझसे खिला दिल का कंवल मुझको बदलके तू ना बदल
हे कैसा गुमां कैसा भंवर जानें चलें हम दोनों किधर
आज ज़ुल्फ़ों को फिर बिखरना है आज सपनों को फिर संवरना है
फिर से जीना है ...