धाराती पे नहीं पीपल के पटवा पे लिख दी दिल की बात - The Indic Lyrics Database

धाराती पे नहीं पीपल के पटवा पे लिख दी दिल की बात

गीतकार - समीर | गायक - सोनू निगम, जसपिन्दर नरूला | संगीत - अनु मलिक | फ़िल्म - सूर्यवंशम | वर्ष - 1999

View in Roman

धरती पे नहीं अम्बर पे नहीं नदिया पे नहीं सागर पे नहीं
फूलों पे नहीं बादल में नहीं कागज़ पे नहीं आँचल पे नहींहाय पीपल के पतवा पे लिख दी दिल की बात हां
आई हैं हवाएं ले के पिया जी को साथ
अब तो जगाएं मुझको सारी सारी रात
खुश्बू से भीगे तेरे मेंहदी वाले हाथ
पीपल के पतवा पे ...मेरी धड़कन पे रहता है तेरी धड़कन का पहरा
हर दिन हर पल होता जाए प्यार हमारा और भी गहरा
चोरी चोरी क्या कहता है चाहत का मौसम सिंदूरी
मेरी साँसों में घुल जाए तेरी साँसों की कस्तूरी हाय
बरसों युगों से ये अपनी मुलाकात
खुश्बू से भीगे ...इश्क़ तेरे दे डूंगे बेंडे वे जो डुबेया सो तरेया
बूटा सुमीद मेरे दा वे घर दे वेड़े भरेया
डोर बिना ही खींचे मुझको तेरा चंचल रूप सुहाना
आजा तेरे होंठों पे मैं लिख दूं होंठों से अफ़साना
जी करता है मूंद के आँखें तेरी बाहों में सो जाऊं
कुछ ना देखूं कुछ ना सोचूं तेरे सपनों में खो जाऊं
हाय हाय
दे दे तू सजना मुझको बिन मांगी सौगात
आई हैं हवाएं ...