कहीं ना कहीं है वो दिवानी - The Indic Lyrics Database

कहीं ना कहीं है वो दिवानी

गीतकार - समीर | गायक - कुमार शानू, अलका याज्ञनिक | संगीत - राजू सिंह | फ़िल्म - पागलपान | वर्ष - 2001

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हूं कहीं ना कहीं है वो दीवानी
मुझसे अभी है अंजानी
हो आएगी कभी तो सामने वो
मेरा ख्वाब मेरी ज़िंदगानीकहीं ना कहीं है वो दीवाना
मुझसे अभी है अंजाना
हो आएगा कभी तो सामने वो
ख्वाबों में जिसका आना जाना
कहीं ना कहीं ...उसके लबों पे बिखरी है लाली
खुश्बू है उसकी संदली
महकी बहारें बहके नज़ारे
वो मुस्कुरा के जब चली
हां आँखों में काजल ज़ुल्फ़ों में बादल
सब रंग उसमें है छुपा
कहीं ना कहीं ...क्या सोचती हूँ क्या सोचती हूँ
उसको नहीं है कुछ खबर
मैं रोक लूंगी राहों में उसको
बच के वो जाएगा किधर
हूं जागी ना सोई यादों में खोई
ये क्या मुझे हो गया
कहीं ना कहीं ...