कुछ हम भी पागल हैं - The Indic Lyrics Database

कुछ हम भी पागल हैं

गीतकार - जावेद अख्तर | गायक - गायत्री, श्वेता, सुनिधि चौहान | संगीत - शंकर एहसान लॉय | फ़िल्म - ये क्या हो रहा है | वर्ष - 2002

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कुछ हम भी पागल हैं कुछ तुम भी हो दीवाने
ना तुमको कोई समझे ना हमको कोई जाने
हम लोग ऐसे निराले हैं
दिल जो भी कह दे वो करते हैं
हम देख के जिसको ज़िंदा हैं
सच पूछो तो उसपे मरते हैं
हम हैं जो मनचले हम हैं वो दिलजले
जीवन की राह में जो दूर हैं चले
ओ याद करोगे हमें
मान लो
कुछ हम भी ...माना होगे तुम कहीं और हम कहीं फिर भी ग़म नहीं
जाएँ चाहें हम कहीं आएँगी वहीं यादें सब हसीं
यादें जो आएँगी कुछ ऐसे छाएँगी
बीते दिन रात की तस्वीरें लाएँगी
दिन रात इन आँखों में
मान लो
शिकी डा डा डा शिकी शिकीजाना चाहें तुम जहाँ सोचना वहाँ क्या था वो समां
कैसा था वो गुलसितां जिसकी दास्तां दिल में है जवां
हाँ ये पल और ये समां पाएँगे हम कहाँ
याद आएगा हमें अपना ये गुलसितां
हर हर कदम राहों में
मान लो
कुछ हम भी ...
मान लो