गुलशन गुलाशन शोला ए गुल की ज़ुल्फ़ ए सबा की बात चाली - The Indic Lyrics Database

गुलशन गुलाशन शोला ए गुल की ज़ुल्फ़ ए सबा की बात चाली

गीतकार - असगर सलीम | गायक - मेहदी हसन | संगीत - मेहदी हसन | फ़िल्म - मेहदी हसन की बेहतरीन ग़ज़लें (गैर फ़िल्म) | वर्ष - 1985

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गुलशन गुलशन शोला-ए-गुल की ज़ुल्फ़-ए-सबा की बात चली
हर्फ़-ए-जुनूँ की बन्द-ए-गिराँ की जुर्म-ओ-सज़ा की बात चलीज़िंदाँ ज़िंदाँ शोर-ए-जुनूँ है मौसम-ए-गुल के आने से
महफ़िल महफ़िल अब के बरस हर बाग़-ए-वफ़ा की बात चलीअहद-ए-सितम है देखें हम आशुफ़्ता-सरों पर क्या गुज़रे
शहर में उसके बन्द-ए-कबा की रंग-ए-हिना की बात चलीएक हुआ दीवाना एक ने सर तेशे से फोड़ लिया
कैसे कैसे लोग थे जिनसे रस्म-ए-वफ़ा की बात चली