सांस है जब तलक ना रुकेंगे कदम ऐ वतन - The Indic Lyrics Database

सांस है जब तलक ना रुकेंगे कदम ऐ वतन

गीतकार - देव कोहली | गायक - सहगान, हंस राज हंस | संगीत - आनंद राज आनंद | फ़िल्म - 23 मार्च 1931 शहीद | वर्ष - 2002

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साँस है जब तलक ना रुकेंगे कदम
चल पड़े हैं तो मंज़िल को पा जाएँगे
ऐ वतन ऐ वतन ऐ वतन ऐ वतनवो जवानी जो खूं को जलाती नहीं
वो वतन के लिए रंग लाती नहीं
दाग लेकर ग़ुलामी का क्यूँ हम जियें
सोच कर रात को नींद आती नहीं
साँस है जब तलक ...हमने तय कर लिया हमने ले ली कसम
खून से अपने सींचेंगे हम ये चमन
जान लेकर हथेली पे हम चल दिए
बाँधकर सर पे निकले हैं हम ये क़फ़न
साँस है जब तलक ...