ये दीन तो है मुबारक कोई शमन शीशे की लाया - The Indic Lyrics Database

ये दीन तो है मुबारक कोई शमन शीशे की लाया

गीतकार - गुलशन बावरा | गायक - किशोर कुमार | संगीत - आर डी बर्मन | फ़िल्म - जान-ए-जाना | वर्ष - 1983

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ये दिन तो है मुबारक
इस दिन को नाम क्या दूँ
मुश्किल मैं पड़ गया हूँ
तुझे कौन सी दुआ दूँकोई शमां शीशे की लाया
कोई पीतल का परवाना
दो नैनों का मारा लेके
आया दिल का नज़राना
कोई शमां शीशे की लायाअनमोल जीवन का हर पल हसीं होगा
आजा जलेंगे मिलके
हो उल्फ़त की राहों चाहत की बाहों में
अरमां खिलेंगे दिल के
प्यार दुआ है प्यार दवा है
प्यार को यूँ ना ठुकराना
दो नैनों का मारा लेके
आया दिल का नज़रानाकोई शमां शीशे की लायापरवाने की ज़िंदगी तो रहेगी सदा ही
शमां के बस में
दीवाने को बिन जलाये तू चली ना जाना
निभाना रस्में
देख शुरू होने से पहले
ख़त्म ना हो जाये अफ़साना
दो नैनों का मारा लेके
आया दिल का नज़रानाकोई शमां शीशे की लाया
कोई पीतल का परवाना
दो नैनों का मारा लेके
आया दिल का नज़राना
कोई शमां शीशे की लाया