सात सता के हमन अशकबार करती हैं - The Indic Lyrics Database

सात सता के हमन अशकबार करती हैं

गीतकार - वफ़ा रूमानी | गायक - मेहदी हसन | संगीत - नज़र हुसैन | फ़िल्म - मेहदी हसन की बेहतरीन ग़ज़लें (गैर फ़िल्म) | वर्ष - 1985

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सता सता के हमें अश्क़बार करती है
तुम्हारी याद बहुत बेक़रार करती हैवो दिन जो साथ गुज़ारे थे प्यार में हमने
तलाश उनको नज़र बार बार करती हैगिला नहीं जो नसीबों ने कर दिया है जुदा
तेरी जुदाई भी अब हमको प्यार करती हैकनारे बैठ के जिसके किये थे कौल-ओ-क़रार
नदी वो अब भी तेरा इंतज़ार करती है