बादल चांदी बरसाये रुनाझुन रुनाझुं - The Indic Lyrics Database

बादल चांदी बरसाये रुनाझुन रुनाझुं

गीतकार - जावेद अख्तर | गायक - देवकी पंडित, ज्योत्सना हार्डिकर | संगीत - भूपेन हजारिका | फ़िल्म - साज़ | वर्ष - 1996

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बादल चाँदी बरसाये रुनझुन रुनझुन
बूँदों के साज़ बजाये रुनझुन रुनझुन
पानी अपनी पायल धरती पर झनकाये रुनझुन रुनझुनपापी है पपीहा देखो शोर करे बन में
हूक़ सी उठे सीने में आग लगे मन में
पगली पुरवाई गाये रुनझुन रुनझुन
भीगे और नाचे जाये रुनझुन रुनझुन
पानी अपनी पायल धरती पर ...बगिया में भँवरे आये पेड़ो पर भँवरे आये
डाली पर चिड़्याँ आयीं लहरों में लहरें आये
जारे कागा जाके कहदे तू मेरे साजन से
सब आये अब तू भी आजा आ मिल जा बिरहन से
बरखा हर दिन आ जाये, हर दिन बस ये दोहराये
पानी अपनी पायल धरती पर ...