कटते हैं दुख में ये दिन - The Indic Lyrics Database

कटते हैं दुख में ये दिन

गीतकार - नूर लखनवी | गायक - लता मंगेशकर | संगीत - सी. रामचंद्र | फ़िल्म - परछाईं | वर्ष - 1952

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कटते हैं दुख में ये दिन
पहलू बदल बदल के
रहते हैं दिल के दिल में
अरमां मचल मचल के
तड़पाएगा कहाँ तक ऐ दर्द-ए-दिल बता दे
रुसवा कहीं न कर दे आँसू निकल निकल के
ये ख़ाक पर जो चमकें ज़र्रे न इनको समझो
फेंका गया है दिल का शीशा कुचल कुचल के
उल्फ़त की ठोकरों से आखिर न बच सका दिल
जितने कदम उठाए हमने संभल संभल के