ओ मैडम दो से हो गे एक हम ओ मिस्टर दिल का हॉर्न आज कुशी से - The Indic Lyrics Database

ओ मैडम दो से हो गे एक हम ओ मिस्टर दिल का हॉर्न आज कुशी से

गीतकार - राजिंदर कृष्ण | गायक - मोहम्मद रफ़ी, शमशाद बेगम | संगीत - मदन मोहन | फ़िल्म - आशियाना: | वर्ष - 1952

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र : ओ madam
ओ ओ madam
ओ ओ ओ madam
हे
दो से हो गये एक हम
न फाँका न ग़म
ओ madamश : ओ mister
अ आ आ mister
दिल का hornआज ख़ुशी से
बाजे पम-पम
ओ mister

पापा ख़ुश मामा ख़ुश -२
देख के अपनी जोड़ी
र : वो क्या जाने अपनी शादी
की मुद्दत है थोड़ी
श : कल की किसने देखी प्यारे
आज मनाते ग़म
श : ओ mister
र : ओ madam
ओ ओ madam
हे
दो से हो गये एक हम
न फाँका न ग़म
ओ madamश : ओ mister
ओ ओ ओ mister
दिल का hornआज ख़ुशी से
बाजे पम-पम
ओ misterश : ( marriageकी रात है
हो ओ ओ ओ
कितनी सुहानी ) -२
र : ओ लेकिन मेरी बुलबुल
marriageहै आनी-जानी
आनी-जानी जानी-आनी
यानी-यानी ग्यानी-धानी
लेकिन मेरी बुलबुल
marriageहै आनी-जानी
कौन ये जाने कब पड़ जाये
ढाई wattका bulbर : ओ madam
ओ ओ madam
ओ ओ ओ madam
हे
दो से हो गये एक हम
न फाँका न ग़म
ओ madamश : ओ mister
ओ ओ ओ mister
दिल का hornआज ख़ुशी से
बाजे पम-पम
ओ misterर : marriageतो है एक गूबारा
है marriageतो है एक गूबारा
कभी न फूले सारा
श : ( मार-मार के फूँकें
थक जाये मियाँ बेचारा ) -२
र : अरे अच्ची है वो बीवी
जिसका जळी निकले दमर : क्यों madam
श : अबे जा misterर : ओ madam
दो से हो गये एक हम
न फाँका न ग़म
ओ madamश : ओ mister
ओ ओ ओ mister
दिल का hornआज ख़ुशी से
बाजे पम-पम
ओ mister
र : ओ madam
श : ओ mister
र : ओ ओ madam