तुमसे नजर मिलि दिल को खबर मिलि - The Indic Lyrics Database

तुमसे नजर मिलि दिल को खबर मिलि

गीतकार - राजा मेहदी अली खान | गायक - गीता दत्त, सहगान | संगीत - मदन मोहन | फ़िल्म - जागीर | वर्ष - 1959

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गी: ए हे हे
तुमसे नज़र मिली दिल को ख़बर मिली दिल ये दीवाना हो गया
को: तुमसे नज़र मिली दिल को ख़बर मिली दिल ये दीवाना हो गया
गी: तीर इधर चले तीर उधर चले शुरू फ़साना हो गयाल ल ल
को: ल ल ल
गी: तुम जो निगाहें झुकाये मेरे पास आये तो मैं शरमाई
को: तुम जो निगाहें झुकाये मेरे पास आये तो मैं शरमाई
गी: नैनों से नैना मिलाये ज़रा मुस्कराये तो मैं घबराई
तुमुने घूँघट खोला दिल था बड़ा भोला हँस के दीवाना हो गया
को: तुमसे नज़र मिली दिल को ख़बर मिली दिल ये दीवाना हो गयागी: छेड़ो न तुम मुझे आके मुहब्बत जता के जी मैं बाज़ आई
को: छेड़ो न तुम मुझे आके मुहब्बत जता के जी मैं बाज़ आई
गी: आँखों से आँखें लड़ा के नज़र में समा के जी मैं पछताई
ऐसे न घूर मुझे मारूँगी देख तुझे ये तो सताना हो गया
को: तुमसे नज़र मिली दिल को ख़बर मिली दिल ये दीवाना हो गयागी: ल ल ल
को: ल ल ल
गी: भरते हो तुम क्यूँ आहें तुम्हें हम चाहें जी चोरी चोरी
को: भरते हो तुम क्यूँ आहें तुम्हें हम चाहें जीइ चोरी चोरी
गी: बोलो तो हंस के डालें गले में बाँहें ये गोरी गोरी
तुमको बुलाये दिल पहलू में हाय दिल हमसे बेगाना हो गया
को: तुमसे नज़र मिली दिल को ख़बर मिली दिल ये दीवाना हो गया