हवा है थंडी उल्फत की जिंदगी के जो - The Indic Lyrics Database

हवा है थंडी उल्फत की जिंदगी के जो

गीतकार - राजिंदर कृष्ण | गायक - मोहम्मद रफ़ी, लता मंगेशकर, सी रामचंद्र | संगीत - सी रामचंद्र | फ़िल्म - हंगामा | वर्ष - 1952

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चि: हवा है ठण्डी ठण्डी चाँदनी है यार है हम हैं
ल: मगर है ज़िंदगी सौ साल की सौ साल तो कम हैं
उल्फ़त की ज़िंदगी के जो साल हों हज़ार
तुम हमसे हम भी तुमसे जी भर के करें प्यार करें प्यार
दो: तुम हमसे हम भी तुमसे जी भर के करें प्यार करें प्यारर: दो दिन की ज़िंदगी में क्या क्या करे कोई
क्या क्या करे कोई
चि: दो दिन में क्या जिये कोई क्या मरे कोई
क्या क्या करे कोई
र: दुनिया की एक रात हो आशिक़ की चार चार -२दो: तुम हमसे हम भी तुमसे जी भर के करें प्यार करें प्यार
उल्फ़त की ज़िंदगी के जो साल हों हज़ार
तुम हमसे हम भी तुमसे जी भर के करें प्यार करें प्यारल: ओ बातों में बीत जायें
( बातों में बीत जायें ये मौसम-ए-जवानी
कैसी बनाये तूने मालिक ये ज़िंदगानी
मालिक ये ज़िंदगानी ) -२
बाज़ी बहुत है छोटी लम्बी है जीत हार -२दो: तुम हमसे हम भी तुमसे जी भर के करें प्यार करें प्यार
( उल्फ़त की ज़िंदगी के जो साल हों हज़ार
तुम हमसे हम भी तुमसे जी भर के करें प्यार करें प्यार ) -२