छेड़ा मेरे दिल ने, तराना तेरे प्यार का - The Indic Lyrics Database

छेड़ा मेरे दिल ने, तराना तेरे प्यार का

गीतकार - हसरत जयपुरी | गायक - मोहम्मद रफ़ी | संगीत - शंकर जयकिशन | फ़िल्म - असली नक़्ली | वर्ष - 1962

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प्यार का साज़ भी है, दिल की आवाज़ भी है
मेरे गीतों में तुम्ही तुम हो, मुझे नाज़ भी है
छेड़ा मेरे दिल ने, तराना तेरे प्यार का
जिस ने सूना खो गया, पुरा नशा हो गया
आँखे बनी पैमाने, दिल हुये मस्ताने
राहे बड़ी मतवाली, आने लगे दीवाने
मिला मेरे गीत में, फ़साना तेरे प्यार का
जिस ने सूना खो गया ...
गेसु बने ज़ंजीरे, क़ैद हुई तकदीरें
नाच रही हैं जवानीयाँ, जैसे तेरी तस्वीरें
हाय, तेरा नाम भी शगूफ़ा है बहार का
जिस ने सूना सो गया ...
भोले-भाले क़ातिल, जीना कर दिया मुश्किल
जब भी तू शरमाई, दिल हुआ मेरा बिस्मिल
खाली नहीं जाता, निशाना तेरे प्यार का
मिलने तुझे जो गया, ज़ख्मी वही हो गया
छेड़ा मेरे दिल ने, तराना तेरे प्यार का
जिस ने सूना खो गया ...