गम ए आशियाना सताएगा कब ताकी - The Indic Lyrics Database

गम ए आशियाना सताएगा कब ताकी

गीतकार - मोहन सिंह | गायक - सुरैया | संगीत - सज्जाद | फ़िल्म - | वर्ष - 1946

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ग़म-ए-आशियाना सताएगा कब तक
मुझे मेरा दिल यूँ रुलाएगा कब तकबना कर बिगाड़े हैं घर तूने लाखों
फ़लक ये तमाशे दिखाएगा कब तकसितम आज करते हैं इन्साँ पे इन्साँ
तू इन्साँ को इन्साँ बनाएगा कब तकतेरी आज दुनिया जहन्नुम बनी है
तू शान-ए-ख़ुदाई छिपाएगा कब तक