हम और तुम और ये कुशी ये कहाकाहे ये दिल्लगी - The Indic Lyrics Database

हम और तुम और ये कुशी ये कहाकाहे ये दिल्लगी

गीतकार - | गायक - सुरेंद्र, वहीदान बाई | संगीत - अनिल बिस्वास | फ़िल्म - अलीबाबा | वर्ष - 1940

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सु : ( हम और तुम और ये ख़ुशी
ये क़हक़हे ये दिल्लगी
छिटकी हुई है चाँदनी ) -२
हम और तुम
व : ( अंगड़ाइयाँ भूतों (?) ने लीं
महका चमन कलियाँ खिलीं ) -२
आई हवा मस्ती भरी -२हम और तुम और ये ख़ुशी
ये क़हक़हे ये दिल्लगी
छिटकी हुई है चाँदनी
हम और तुमसु : ( दिल में हुजूम-ए-आरज़ू
आँसू में रस पहलू में तू ) -२
क़िसमत हमारी जाग उठी -३हम और तुम और ये ख़ुशी
ये क़हक़हे ये दिल्लगी
छिटकी हुई है चाँदनी
हम और तुमव : ( बाँहें गले में पड़ गईं
आँखों से आँख लड़ गईं ) -२
छलकी शराब-ए-ज़िंदगी -४हम
और तुम
और ये ख़ुशी
ये क़हक़हे
ये दिल्लगी
दो : छिटकी हुई है चाँदनी
हम और तुम