कह दो इस रात से के रुक जाये - The Indic Lyrics Database

कह दो इस रात से के रुक जाये

गीतकार - नूर देवासी | गायक - रूना लैला | संगीत - ओपी नैय्यर | फ़िल्म - रूना लैला के प्यार (गैर-फिल्म) | वर्ष - 1987

View in Roman

कह दो इस रात से के रुक जाये दर्द-ए-दिल मिन्नतों से सोया है
ये वोही दर्द है जिसे लेकर लैला तड़पी थी मजनू रोया हैमैं भी इस दर्द की पुजारन हूँ ये न मिलता तो कब की मर जाती
इसके एक एक हसीन मोती को रात दिन पलकों में पिरोया हैये वोही दर्द है जिसे ग़ालिब जज़्ब करते थे अपनी ग़ज़लों में
मीर ने जबसे इसको अपनाया दामन-ए-ज़ीस्त को भिगोया है