ज़िंदगी आ रहा हूँ मैं - The Indic Lyrics Database

ज़िंदगी आ रहा हूँ मैं

गीतकार - शकील बदायुँनी | गायक - मोहम्मद रफ़ी | संगीत - नौशाद | फ़िल्म - भारत के पुत्र | वर्ष - 1962

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लिये सपने निगाहों में, चला हूँ तेरी राहों में
ज़िंदगी आ रहा हूँ मैं ...
कई यादों के चेहरे हैं, कई किस्से पुराने हैं
तेरी सौ दास्तानें हैं, तेरे कितने फ़साने हैं
मगर एक वो कहानी है, जो अब मुझको सुनानी है
ज़िंदगी आ रहा हूँ मैं ...
मेरे हाथों की गरमी से, पिघल जायेंगी ज़ंजीरे
मेरे कदमों की आहट से, बदल जायेंगी तक़दीरे
उम्मीदों के दिये लेकर, ये सब तेरे लिये लेकर
ज़िंदगी आ रहा हूँ मैं ...
कभी तुझको गिला मुझसे, कभी मुझको शिकायत है
मगर फिर भी तुझे मेरी, मुझे तेरी ज़रूरत है
मैं ये इक़रार करता हूँ, मैं तुझसे प्यार करता हूँ
ज़िंदगी आ रहा हूँ मैं ...