सयोनी बोल कातिल रे दिल धक धक धड़क - The Indic Lyrics Database

सयोनी बोल कातिल रे दिल धक धक धड़क

गीतकार - समीर | गायक - सहगान, जसपिन्दर नरूला | संगीत - राजेश रोशन | फ़िल्म - दाग - आग | वर्ष - 1999

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आ सय्योनी सय्योनी तुई तुई तुई तुई
बोल कटीली बिन साजन के बीते कैसे रात
घबराई सी लगती है क्या जुल्म हुआ तेरे साथ
बोल कटीली रे बोल कटीलीसास ससुर आँगन में सोए मैं सोऊं चौबारे
घर के बाहर खड़ा खड़ा मुआ देवर करे इशारे
कभी कहीं आहट आए कभी जो कुंडी खड़के
दिल धड़के दिल धड़के
दिल धक धक धड़के जालिमां मेरी बाईं आँख भी फड़के
सय्योनीगोरी ये न छुपा ये भेद बता तेरे जोबन का क्यूं रंग उड़ा
ओ ओ
सुबह सुबह सारे घरवाले जब जाएं खलियान
चोरी चोरी घर के अंदर आ जाए बेईमान
सुने कोई न मेरी दुहाई कहीं न हो जाए रुसवाई
ऊई माँ
माने न कहना हरजाई कसके पकड़े मेरी कलाई
ऊई माँ
पानी पानी मैं हो जाऊं ए चिंगारी सी भड़के
दिल धड़के
दिल धक धक ...तेरा देवर मुआ रे बड़ा पाजी
पहले मारे अँखियां कहे वाह भाभी
दोपहरी में चौराहे से शरबत ले के आए
उसके अंदर ना जाने वो कौन सी चीज़ मिलाए
पीते ही बिच्छू लड़ जाए नस नस कोई जहर समाए
ऊई माँ
घूंटे बदन को सुई चुभाएं अंग अंग में दर्द सताए
ऊई माँ
रात रात भर करवट ले के ए मेरी जवानी तड़पे
दिल धड़के
दिल धक धक ...