दर्पण झुठ ना बोले - The Indic Lyrics Database

दर्पण झुठ ना बोले

गीतकार - आनंद बख्शी | गायक - मन्ना दे | संगीत - लक्ष्मीकांत, प्यारेलाल | फ़िल्म - दर्पण | वर्ष - 1970

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दरपन जूठ ना बोले
जो सच था तेरे सामने आया
हसले चाहे रोलेबँधन तोओडा जा सकता है
जग को छोडा जा सकता है
अपने आपसे भाग रहे हो
तुम हो कितने भोलेदूर किनारा टूटी नैइया
लेकिन पूछे ये पुरवैइया
अपने आप बने तुम माझी
फिर काहे मन डोलेऐसी जीवन की बतिया
यातो ये मनमीच ले अखिया
या फिर ना घभराए जब
सच्चायी घूंघट खोले