करूँ ना याद मगर किस तरह भुलाऊँ उसे - The Indic Lyrics Database

करूँ ना याद मगर किस तरह भुलाऊँ उसे

गीतकार - Nil | गायक - Nil | संगीत - Nil | फ़िल्म - Nil | वर्ष - Nil

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करूँ ना याद मगर किस तरह भुलाऊँ उसे
गज़ल बहाना करूँ और गुनगुनाऊँ उसे
वो खार खार है, शाख-ए-गुलाब की मानिंद
मैं ज़ख़्म ज़ख़्म हूँ, फिर भी गले लगाऊँ उसे
यह लोग तज़्किरे करते हैं अपने लोगों के
मैं कैसे बात करूँ और कहाँ से लाऊँ उसे
जो हमसफर सर-ए-मंज़िल बिछड़ रहा है 'फ़राज़'
अजब नहीं की अगर याद भी ना आऊँ उसे