इश्क जब हद से पार हो जाए इश्क समंदर - The Indic Lyrics Database

इश्क जब हद से पार हो जाए इश्क समंदर

गीतकार - आनंद राज आनंद | गायक - आनंद राज आनंद, सुनिधि चौहान | संगीत - आनंद राज आनंद | फ़िल्म - कांटे | वर्ष - 2002

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आ: इश्क़ जब हद से पार हो जाए
ज़िंदगी बेक़रार हो जाए
इश्क़ इतना भी ना जताओ के
हुस्न सर पे सवार हो जाए

इश्क़ समंदर इश्क़ समंदर

सु: मेरा यार मिला दे मुझको
दूँ लाख दुआएँ तुझ को
हां मेरा यार मिला दे मुझ को
दूँ लाख दुआएँ तुझ को
दीदार बिना दिलबर के
कुछ सूझ रहा ना मुझको
उसे दिल की बात बता देगा
मेरी आँखों का मंज़रआ: ओ इश्क़ समंदर दिल दे अंदर
इश्क़ समंदर दिल दे
सु: मेरा यार मिला दे ...

( कोई बेवफ़ा नहीं होता
दिल का बुरा नहीं होता ) -२
क़िस्मत से दीवानों का
हर वक़्त बुरा नहीं होता
सीना छलनी हो जाता है
जब चले वक़्त का ख़ंजर
आ: ओ इश्क़ समंदर ...

बेवफ़ा से भी प्यार होता है -२
यार कुछ भी हो यार होता है
को: इश्क़ समंदर

सु: ( तुझसे ही प्यार है करना
तेरा इन्तज़ार है करना ) -२
मेरे लिये तो जीना
तेरे इश्क़ में है मरना
कितना और दूर तू भागेगा
दौलत के लिउए सिकंदर
आ: ओ इश्क़ समंदर ...