मैं गाऊँ तुम गाओ खुशियों के रंग छलकाओ - The Indic Lyrics Database

मैं गाऊँ तुम गाओ खुशियों के रंग छलकाओ

गीतकार - जावेद अख्तर | गायक - उदित नारायण, शान, महालक्ष्मी अय्यर, भैरवी कुंबले | संगीत - शंकर एहसान लॉय | फ़िल्म - अरमान | वर्ष - 2003

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शा : मैं गाऊँ तुम गाओ ख़ुशियों के रंग छलकाओ -२
म : ( नई राहें खोले हैं बाँहें
तो क्यों ना चाहें ये निगाहें कोई साथी भी नया ) -२
उ : ये अरमाँ
कितने सपने दिखलाते हैं
कैसे-कैसे तड़पाते हैं
दुनिया में कोई जाने ना हो
म : मैं गाऊँ तुम गाओ ... छलकाओ
शा : मैं गाऊँ तुम गाओ ... छलकाओत न ना ना -४
हूँ हूँ -२शा : पाई जो ये ख़ुशी है हैरानी हो रही है
बात ऐसी हो गई है जिसकी उम्मीद दिल को न थी
म : उम्मीदें हों भी तो क्या होगा वो है जो होना
दुनिया में किसने जाना कब दिखाएगी क्या ज़िन्दगी
शा : मेरे अरमाँ बन बन के तूफ़ाँ करते परेशाँ
अब आसाँ मेरा जीना हो गया
म : ये अरमाँ
कितने सपने ... कोई जाने ना ओ हो
शा : मैं गाऊँ तुम गाओ ... छलकाओ
म : मैं गाऊँ तुम गाओ ... छलकाओम : देखो है शाम रंगीं हाथों में जाम रंगीं
अब कोई नाम रंगीं सोच
ओ इस रंगीं अफ़साने का
उ : अफ़साने ये हैं दिल के अनजाने लोग मिल के
ये मानें फूल खिल के रस्ता तकता है मुरझाने का
म : सुन प्यारे दिल में हमारे अरमाँ हैं सारे पुकारें
बता दूँ तो है क्या
को : ये अरमाँ
उ : कितने सपने ... कोई जाने ना हो
को : मैं गाऊँ तुम गाओ ... छलकाओ -२
म : नई राहें ... साथी भी नया
उ : ये अरमान
कितने सपने ... कोई जाने ना हो
म : ये अरमाँ
कितने सपने ... कोई जाने ना जाने ना
उ : मैं गाऊँ तुम गाओ ... छलकाओ
को : मैं गाऊँ तुम गाओ ... छलकाओ -४