क्यों छेड़े हमको सोनया तू क्यों सताता है - The Indic Lyrics Database

क्यों छेड़े हमको सोनया तू क्यों सताता है

गीतकार - रवींद्र रावल | गायक - अनुराधा पौडवाल | संगीत - राम लक्ष्मण | फ़िल्म - महबूब मेरे महबूब | वर्ष - 1992

View in Roman

क्यों छेड़े हमको सोनेया तू क्यों सताता है
तू तो बंसी बजैया फिर क्यों कपड़े चुराता है
तू तो बंसी ...कुछ हम भी शिकायत कर लें कुछ तू भी शिकायत कर ले
कपड़ों की शरारत कैसी कोई और शरारत कर ले
क्यों दिल में हमारे मुंडेया तू आग लगाता है
तू तो बंसी ...तेरा चेहरा नटखट प्यारा दिल और मचल ना जाए
तू देख ना ऐसे हमको कहीं जान निकल ना जाए
सुईयां सी हमारे दिल में काहे को चुभाता है
तू तो बंसी ...कपड़े नहीं होंगे तो हम खुद भी शरमाएंगे
दीवाने बिन कपड़ों के हम घर कैसे जाएंगे रे
हमको ठंड लगती है तू दिल बहलाता है
तू तो बंसी ...