ज़रा ज़रा सी बातें , तेरी मुझको याद आती हैं - The Indic Lyrics Database

ज़रा ज़रा सी बातें , तेरी मुझको याद आती हैं

गीतकार - जावेद अख्तर | गायक - अलका याग्निक - जावेद अख्तर | संगीत - राजू सिंह | फ़िल्म - रिवॉल्वर रानी | वर्ष - 2014

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हसीन लम्हें... शरीर लम्हें... शर्मिलें लम्हें
झिज़कते लम्हें... पिघलते लम्हें ... धड़कते लम्हें
मुहोब्बत में गुजरें ये तमाम लम्हें
दिल की पगडंडियों पर अपने पैरों के निशाँ छोड़ गये हैं
मौसम बदलतें हैं ... हवाएँ चलती हैं
लेकिन ये निशान न मिटते हैं न हलके होते हैं
ज़रा ज़रा सी बातें ... तेरी मुझको याद आती हैं
मेरे दिल को तडपाती हैं ... रातों में
ज़रा ज़रा सी बातें .... बीतें लम्हें ले आती हैं
तसवीरें सी बन जाती हैं ... आँखों में
ज़रा ज़रा सी बातें ...
कोई बनाके बहाना, मेरे घर को तेरा आना
हर शाम मिलने के लिये
हलकें गुलाबी थे वो, जो फूल तुने मुझको
इक रोज लाके थे दिये
और अब फूलों की खुशबुयें जो कही आती हैं
मुझको तनहा कर जाती हैं ... राहों में
ज़रा ज़रा सी बातें ... तेरी मुझको याद आती हैं
मेरे दिल को तडपाती हैं ... रातों में
ज़रा ज़रा सी बातें ...
दरिया किनारें थे हम, सांसें थी मध्धम मध्धम
छिटकी हुई थी चाँदनी
साहिल पे आती लेहरें, थी जैसे गाती लहरें
अनजानी कोई रागिनी ...
और अब साहिल पे ... गाती लेहरें जो आती हैं
तूफ़ान जैसे वो लाती हैं ... यादों में
ज़रा ज़रा सी बातें ... तेरी मुझको याद आती हैं
मेरे दिल को तडपाती हैं ... रातों में
ज़रा ज़रा सी बातें .... बीतें लम्हें ले आती हैं
तसवीरें सी बन जाती हैं ... आँखों में
ज़रा ज़रा सी बातें ...