हमीं से मोहब्बत, हमीं से लड़ाई - The Indic Lyrics Database

हमीं से मोहब्बत, हमीं से लड़ाई

गीतकार - शकील बदायुँनी | गायक - मोहम्मद रफ़ी | संगीत - नौशाद | फ़िल्म - लीडर | वर्ष - 1964

View in Roman

हमीं से मोहब्बत, हमीं से लड़ाई
अरे मार डाला, दुहाई, दुहाई
अभी नासमझ हो उठाओ ना खंजर
कहीं मुड़ ना जाए तुम्हारी कलाई
सितम आज मुझपर जो तुम ढ़ा रही हो
बड़ी खूबसूरत नज़र आ रही हो
ये जी चाहता है के खुद जान दे दूँ
मोहब्बत में आए ना तुम पर बुराई
हमें हुस्न की हर अदा है गवारा
हसीनों का गुस्सा भी लगता है प्यारा
उधर तुमने तीर-ए-नजर दिल पे मारा
इधर हमने भी जान कर चोट खाई
करो खून तुम यूँ ना मेरे जिगर का
बस एक वार काफी है तिरछी नज़र का
यही प्यार को आजमाने के दिन हैं
किए जाओ हम से यूँ ही बेवफाई