सय्यां जबसे लड़ीहैं तो अँखियां - The Indic Lyrics Database

सय्यां जबसे लड़ीहैं तो अँखियां

गीतकार - साहिर लुधियानवी | गायक - आशा भोंसले | संगीत - ओपी नैय्यर | फ़िल्म - सोने की चिड़िया | वर्ष - 1958

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सैयाँ जब से लड़ी हैं तोसे अँखियाँ
हाय निंदिया न आये सारी रात
निंदिया न आये सारी रात
निंदिया न आये सारी रात ) -२ग़ैर है तू पर अपना लागे
( ग़ैर है तू पर अपना लागे
प्यार प्रीत का सपना लागे ) -२
ओ मतवाले दिल तेरे हवाले -२
हो
जब से लड़ी हैं तोसे अँखियाँ
हाय निंदिया न आये सारी रात
निंदिया न आये सारी रात
निंदिया न आये सारी रातसाँस में ख़ुश्बू घुलती जाये
( साँस में ख़ुश्बू घुलती जाये
ज़ुल्फ़ मचल कर खुलती जाये ) -२
रंग नया है हर ढंग नया है -२
होजब से लड़ी हैं तोसे अँखियाँ
हाय निंदिया न आये सारी रात
निंदिया न आये सारी रात
निंदिया न आये सारी रातआज मैं अपने बस में नहीं हूँ
( आज मैं अपने बस में नहीं हूँ
पाँव कहीं है और मैं कहीं हूँ ) -२
मन लहराये तन पिघला जाये -२
होजब से लड़ी हैं तोसे अँखियाँ
हाय निंदिया न आये सारी रात
निंदिया न आये सारी रात
निंदिया न आये सारी रात