हम तुमसे दिल लगा बैठे - The Indic Lyrics Database

हम तुमसे दिल लगा बैठे

गीतकार - समीर | गायक - उदित नारायण - अनुराधा पौडवाल | संगीत - हिमेश रेशमिया | फ़िल्म - जूली | वर्ष - 2004

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हम तुमसे दिल लगा बैठे
चैन-ओ-सुकूँ गंवा बैठे
चाहत है मुश्किल ये जानते थे
हम ना करेंगे ये मानते थे
फिर भी न जाने क्यों इश्क़ कर बैठे
हम तुमसे दिल लगा बैठे
चैन-ओ-सुकूँ गंवा बैठे
दिल तेरे पहलू में रहना चाहे
हाल बयां अपना वो करना चाहे
हर पल जिसको देखते हम तू वो आईना
अब जीना नहीं गंवारा है तेरे बिना
इस आशिक़ी से डरते थे हम तो
इस दिल्लगी से डरते थे हम तो
फिर भी न जाने क्यों इश्क़ कर बैठे
हम तुमसे दिल लगा बैठे
चैन-ओ-सुकूँ गंवा बैठे
हमने अपने दिल को कितना रोका
लेकिन दिलने बस तुझको ही सोचा
तुमसे मिलते ही दुनिया को भूल जाते हैं
एक पल में ही हम सदियों का लुत्फ़ उठाते हैं
सर पे हमारे इल्ज़ाम होंगे
हमको पता था बदनाम होंगे
फिर भी न जाने क्यों इश्क़ कर बैठे
हम तुमसे दिल लगा बैठे
चैन-ओ-सुकूँ गंवा बैठे
कितने सपने कितने अरमां दिल में
तेरे जैसा दिलक़श मेहमां दिल में
इस मेहमां अब इस दिल से जाने ना देंगे
और किसीको उसके दिल में आने ना देंगे
इस दर्द से हम दूर रहेंगे
कहते थे ये ग़म हम ना सहेंगे
फिर भी न जाने क्यों इश्क़ कर बैठे
हम तुमसे दिल लगा बैठे
चैन-ओ-सुकूँ गंवा बैठे
(छूकर मेरे मन को तुमने यारा
ज़ख़्म दिया ये कैसा प्यारा प्यारा
हर लम्हा तेरे साथ गुज़रा याद आए
एक पल को भी दिल ये तुमको भूल ना पाए
सर पे हमारे इल्ज़ाम होंगे
हमको पता था बदनाम होंगे
फिर भी न जाने क्यों इश्क़ कर बैठे
हम तुमसे दिल लगा बैठे
चैन-ओ-सुकूँ गंवा बैठे)