मेरे मन में उठे उमंग बलम - The Indic Lyrics Database

मेरे मन में उठे उमंग बलम

गीतकार - कमर जलालाबादी | गायक - सुरैया | संगीत - रोशन | फ़िल्म - माशूका | वर्ष - 1953

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मेरे मन में उठे उमंग बलम
बन के मैं
बन के मैं तरंग समा जाऊँ, समा जाऊँ
तेरे दिल में समा जाऊँ
मेरे प्यारे पिया क्या तुम ने किया
मेरा पहली नज़र में दिल छीन लिया
मैं आज झूम झूम जाऊँ, बलम
बन के मैं
बन के मैं तरंग समा जाऊँ, समा जाऊँ
तेरे दिल में समा जाऊँ
मेरे मन में उठे
गाते हुए सावन में रिम झिम की बोलियाँ
नैनों से भर लो जी नैनों की झोलियाँ
आ जा पिया, आ जा पिया
आ जा छू ले मुझे
जो तू छू ले मुझे
मैं तेरी हो जाऊँ बलम
बन के मैं
बन के मैं तरंग समा जाऊँ, समा जाऊँ
तेरे दिल में समा जाऊँ
मेरे मन में उठे
उड़ जाऊँ पिया तेरा ले के जिया
मैं ने बादल को आँचल में बाँध लिया
मैं आज फूली न समाऊँ
बन के मैं
बन के मैं तरंग समा जाऊँ, समा जाऊँ
तेरे दिल में समा जाऊँ
मेरे मन में उठे