गीतकार - असद भोपाली | गायक - मुकेश | संगीत - हुस्नलाल-भगतराम | फ़िल्म - अफसाना | वर्ष - 1951
View in Romanक़िस्मत बिगड़ी दुनिया बदली फिर कौन किसी का होता है
ऐ दुनिया वालों सच तो कहो क्या प्यार भी झूठा होता है
क़िस्मत बिगड़ी दुनिया ...जब बुरा ज़माना आता है साया भी जुदा हो जाता है
वही दिल पर चोट लगाता है जो दिल को प्यारा होता है
क़िस्मत बिगड़ी दुनिया ...दुनिया में वफ़ा का नाम नहीं दुनिया को वफ़ा से काम नहीं
सब जिसको मोहब्बत कहते हैं नादान वो धोखा होता है
क़िस्मत बिगड़ी दुनिया ...तूफ़ान से कश्ती बच निकली साहिल पे पहुँचकर डूब गई
भगवान तुम्हारी दुनिया में अन्धेर ये कैसा होता है
क़िस्मत बिगड़ी दुनिया ...नेकी का नतीज़ा नेकी है अंजाम बुराई का है बुरा
क़ानून यही है क़ुदरत का कोई कुछ भी कहे क्या होता है
क़िस्मत बिगड़ी दुनिया ...