ज़ुल्म ओ सीतम को भी हम तो आदा समाझे - The Indic Lyrics Database

ज़ुल्म ओ सीतम को भी हम तो आदा समाझे

गीतकार - शैलेंद्र सिंह | गायक - मोहम्मद रफ़ी | संगीत - शंकर, जयकिशन | फ़िल्म - जवान मोहब्बत | वर्ष - 1971

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ज़ुल्म-ओ-सितम को भी हम तो अदा समझे
पर मेरी चाहत को जाने वो क्या समझे
कुछ तो भला जाना मुझको बुरा समझे
पर मेरी चाहत को ...लाया था दिल को नज़र करने क़ुरबाँ ये जान-ओ-जिगर करने
उनके बिना मेरा हाल है क्या आया था उनको ख़बर करने -२
टाल दिया लेकिन मुझको भला समझे
ज़ुल्म-ओ-सितम को ...हाय दिल मेरे बुरे हैं दिन तेरे कि मार ही न डाले किसी की बेदिली
उनका मुस्कराना गली में आना-जाना हमारा लुट जाना हमारी ग़लती
जान के दुश्मन को जान-ए-वफ़ा समझे
ज़ुल्म-ओ-सितम को ...क्या है मोहब्बत प्यार है क्या कोई उन्हें बतलाए ज़रा
हुस्न ग़ज़ब का हुस्न सही जान तो ले दिलदार है क्या -२
बात तो करते हैं बात बिना समझे
ज़ुल्म-ओ-सितम को ...