अपने किए पे कोई पशेमान हो गया - The Indic Lyrics Database

अपने किए पे कोई पशेमान हो गया

गीतकार - खुमार बाराबंकवी | गायक - लता | संगीत - रवि | फ़िल्म - मेंहदी | वर्ष - 1958

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अपने किए पे कोई पशेमान हो गया
लो और मेरी मौत का सामान हो गया

आख़िर को रंग लाईं मेरी बेगुनाहियाँ
मुझको सता के वो भी परेशान हो गया
लो आज मेरी मौत ...

क्या राज़ है कि आँख मिला ली हुज़ूर ने
क्यों आज मुझ ग़रीब पे एहसान हो गया
लो आज मेरी मौत ...

ये बहकी-बहकी बातें ये बज़्म ये अदा
ये आज क्या तुझे अरे नादान हो गया
लो आज मेरी मौत ...$