तेरे होन्थों के दो फूल प्यारे प्यारे - The Indic Lyrics Database

तेरे होन्थों के दो फूल प्यारे प्यारे

गीतकार - इन्दीवर | गायक - लता मंगेशकर, मुकेश | संगीत - कल्याणजी, आनंदजी | फ़िल्म - पारसी | वर्ष - 1971

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मु : तेरे होंठों के दो फूल प्यारे-प्यारे
मेरे प्यार की बहारों के नज़ारे
अब मुझे चमन से ( क्या लेना ) -२
ल : तेरी आँखों के दो तारे प्यारे-प्यारे
मेरी रातों के चमकते सितारे
अब मुझे गगन से ( क्या लेना ) -२
मु : तेरे होंठों के ...तेरी काया कंचन-कंचन किरणों का है जिसमें बसेरा
तेरी साँसें महकी-महकी तेरी ज़ुल्फ़ों में ख़ुश्बू का डेरा
तेरा महके अंग-अंग जैसे सोने में सुगंध
मुझे चंदन-वन से ( क्या लेना ) -२
ल : तेरी आँखों के ...मैने देखा जबसे तुझको मेरे सपने हुए सिंदूरी
तुझे पा के मेरे जीवन-धन हर कमी हुई मेरी पूरी
पिया एक तेरा प्यार मेरे सोलह सिंगार
मुझे अब दर्पण से ( क्या लेना ) -२
मु : तेरे होंठों के ...तेरा मुखड़ा दमके-चमके जैसे सागर पे चमके सवेरा
ल : तेरी बाँहें प्यार के झूले तेरी बाँहों में झूले मन मेरा
मु : तेरी मीठी हर बात -२
ल : रस की है बरसात
दो : हमें अब सावन से ( क्या लेना ) -२
मु : तेरे होंठों के ...
ल : तेरी आँखों के ...दो : हमें ( क्या लेना ) -२