छेड़ा जो दिल का फसाना - The Indic Lyrics Database

छेड़ा जो दिल का फसाना

गीतकार - Nil | गायक - मोहम्मद रफ़ी | संगीत - बाबुल | फ़िल्म - नकली नवाब | वर्ष - 1962

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छेड़ा जो दिल का फसाना
हँसा जोरसे क्यों जमना
अल्ला जाने, मौला जाने
मुबारक जहां तुझको तेरा
उठाया फकीरों ने डेरा
मिलेगा कहाँ अब ठिकाना
अल्ला जाने मौला जाने
मिला कुछ न रस्ता बदल के
गिरा वो चला जो संभल के
है ये खेल कितना पुराना
अल्ला जाने, मौला जाने
बचा सारी दुनिया से जो दिल
हुआ अपने तीरोंसे घायल
पड़ा कैसे उल्टा निशाना
अल्ला जाने, मौला जाने
मोहोब्बत न लुटे न मारे
कहें कातिलों को भी प्यारे
बुरा क्यों है फिर दिल लगाना
अल्ला जाने मौला जाने