हर तराफ पत्थरों का साया हैं - The Indic Lyrics Database

हर तराफ पत्थरों का साया हैं

गीतकार - कतील शिफाई | गायक - गुलाम अली | संगीत - जय-विजय | फ़िल्म - सौगात (गैर फिल्म) | वर्ष - 1996

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हर तरफ़ पत्थरों का साया है
मैंने शीशे का घर बनाया हैखो गये रेज़ा रेज़ा ख़ाब मेरे
तू भी मुझपे रो ऐ शबाब मेरे
तुझको मैंने ये दिन दिखाया हैदिल मेरा काँच का खिलौना था
एक दिन चकनाचूर होना था
दिल जो टूटा तो याद आया हैकिसका शिकवा करूँ ख़ुदा मेरे
कोई मुजरिम नहीं सिवा मेरे
अपना धोखा तो मैंने खाया है