जुम्मे की रात - The Indic Lyrics Database

जुम्मे की रात

गीतकार - कुमार और शब्बीर अहमद | गायक - मीका सिंग आंड पालक मुच्छल | संगीत - हिमेश रेशमिया | फ़िल्म - किक | वर्ष - 2014

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अरे जुम्मे की रात है, अरे जुम्मे की रात है
अल्लाह बचाए मुझे तेरे वार से
जुम्मे की रात है, चुम्मे की बात है
अल्लाह बचाए मुझे तेरे वार से
जाने क्या होना है, जाने क्या खोना है
तेरी जवानी तो जादू है टोना है
जलवों में आंधी है, अंधी में तूफ़ान है
करदे ना मुझको तबाह
सारी की सारी है तू गोलाबारी
की मुश्क़िल है ख़ुद को बचाना
मार ही ना डाले, मेरी जान निकाले
उफ़ अल्लाह बचाए मुझे
हाय तेरे प्यार से
जुम्मे की रात है, चुम्मे की बात है
अल्लाह बचाए मुझे तेरे वार से

माना तुझ में गज़ब का नशा
तुझपे कोई भी होगा फ़िदा
लेकिन ना खेल दिल से मेरे
मैं तो दिल से भी हूँ सिरफिरा
इक मैं बात कहूँ, दो पल साथ रहूँ
फिर मैं अगले ही पल हूँ हवा
किया जो कुछ भी कहीं
मुझे कुछ याद नहीं
करूँ मैं क्या ये मुझे तू बता

सारी की सारी है तू गोलाबारी
की मुश्क़िल है ख़ुद को बचाना
मार ही ना डाले, मेरी जान निकाले
उफ़ अल्लाह बचाए मुझे, हाय तेरे प्यार से
जुम्मे की रात है, चुम्मे की बात है
अल्लाह बचाए मुझे तेरे वार से

हे जानू तेरी मैं बेमानियां
चाहे करले तू शैतानियाँ
ज़िद्द पे अड़ जाउंगी आज मैं
अब करुँगी मैं मनमानियां
नज़रें तुझपे मेरी, ले लूं मैं जान तेरी
पीछा ना छोडूं तेरा मैं यहां
प्यार में दूंगी सज़ा, मुझसे बचके तू दिखा
आज तू जाने वाला है कहाँ

सारी की सारी है तू गोलाबारी
की मुश्क़िल है ख़ुद को बचाना
मार ही ना डाले, मेरी जान निकाले
उफ़ अल्लाह बचाए मुझे, हाय तेरे प्यार से
जुम्मे की रात है, चुम्मे की बात है
अल्लाह बचाए मुझे तेरे वार से