हम तुम युग युग से ये गीत मिलन के - The Indic Lyrics Database

हम तुम युग युग से ये गीत मिलन के

गीतकार - आनंद बख्शी | गायक - लता - मुकेश | संगीत - लक्ष्मीकांत प्यारेलाल | फ़िल्म - मिलन | वर्ष - 1967

View in Roman

हम तुम युग युग से ये गीत मिलन के, गाते रहे हैं, गाते रहेंगे
हम तुम जग में जीवन साथी बन के, आते रहे हैं, आते रहेंगे
जब जब हम ने जीवन पाया, जब जब ये रूप सजा सजना
हर बार तुम ही ने माँग भारी, तुम ने ही पहनाये कंगना
हम फूल बने या राख हुये, पर साथ नहीं छुटा अपना
हर बार तुम ही तुम आन बसे, इस आँखों में बन के सपना
सावन में जब कभी भी, ये बादल गगन पर छाये
बिजली से डर गये तुम, डर कर करीब आये
फिर क्या हुआ बताओ, बरसात थम ना जाये
जग ये बंधन ना तोड़ सका, हम तोड़ के हर दीवार मिले
इस जनम जनम की नदियाँ के, इस पार मिले उस पार मिले
जब भगवान ने पूछा माँगो तो, तुम को सारा संसार मिले
पर हम ने कहा संसार नहीं, हम को साजन का प्यार मिले