रात को जी हाय रात को जी चमाकेन तारे - The Indic Lyrics Database

रात को जी हाय रात को जी चमाकेन तारे

गीतकार - मजरूह सुल्तानपुरी | गायक - मुकेश, शमशाद बेगम | संगीत - राम गांगुली | फ़िल्म - आग | वर्ष - 1948

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श : रात को जी हाय रात को जी चमकें तारें
देख बलम मोहे अँखियाँ मारे जी मैं मर गई रामा
मु : रात को जी हाय रात को जी चमकें तारें
पहलू में दिल मेरा पाँव पसारे जी मैं का करूँ रामाश : रात को जी हाय रात को जी बोले पपिहरा
देख बलम मोरा डोले जियरा जी मैं मर गई रामा
मु : रात को जी हाय रात को जी बोले पपिहरा
भेद खोले तेरा-मेरा मेरा-तेरा जी मैं का करूँ रामाश : रात को जी हाय रात को जी चमके चन्दा
जैसे बलम तेरे प्यार का फन्दा जी मैं मर गई रामा
मु : रात को ही हाय रात को जी चमके चन्दा
तेरे बिन पाए नहीं चैन यह बन्दा जी मैं का करूँ रामाश : रात को जी हाय रात को जी उड़ते बादल
देख बलम मोरा छोड़ दे आँचल जी मैं मर गई रामा
मु : रात को ही हाय रात को जी उड़ते बादल
साथ हमारे गोरी चलो-चलो जी मैं का करूँ रामा