कभी किसी को मुकमल जहाँ नहीं मिलता - The Indic Lyrics Database

कभी किसी को मुकमल जहाँ नहीं मिलता

गीतकार - निदा फाजली | गायक - आशा भोंसले, भूपिंदर | संगीत - खैय्याम | फ़िल्म - आहिस्ता आहिस्त | वर्ष - 1981

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कभी किसी को मुकम्मल जहाँ नहीं मिलता
कहीं ज़मीन तो कहीं आसमान नहीं मिलताजिसे भी देखिये वो अपने आप में गुम है
ज़ुबाँ मिली है मगर हमज़ुबाँ नहीं मिलता
कभी ...बुझा सका है भला कौन वक़्त के शोले
ये ऐसी आग है जिसमे धुआँ नहीं मिलता
कभी ...तेरे जहाँ में ऐसा नहीं कि प्यार न हो
जहाँ उम्मीद हो इसकी वहाँ नहीं मिलता
कभी ...