सचमुच मैं तो दिवाना हो गया आंखों आंखों एक ही - The Indic Lyrics Database

सचमुच मैं तो दिवाना हो गया आंखों आंखों एक ही

गीतकार - समीर | गायक - कुमार शानू, अलका याज्ञनिक | संगीत - अनु मलिक | फ़िल्म - चेहर | वर्ष - 1999

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सचमुच मैं तो दीवाना हो गया जाने कहां ये दिल खो गया
आँखों आँखों एक ही चेहरा धड़कन धड़कन एक ही नाम
तेरे सिवा अब इस दुनिया में और नहीं कोई मुझको कामसचमुच मैं तो दीवानी हो गई अपनी शुरू कहानी हो गई
हाय हाय हाय आँखों आँखों ...
सचमुच मैं तो ...और किसी पे नज़र न ठहरी देखा है तुझको जब से
हां तेरी मुहब्बत मिल गई मुझको और मैं क्या मांगूं रब से
हो भूल गए हम दोनों जहां को इश्क़ में ऐसे चूर हुए
खो गए हम तो अब यादों में इस दुनिया से दूर हुए
सचमुच मैं तो ...इस धरती से उस अम्बर तक चेहरा तेरा लहराए
शोख बहारों का ये मौसम तेरी ही खुश्बू लाए
हे दिल पागल है बात न माने कैसे इसको समझाऊं
कैसा मेरा हाल है यार कैसे तुझको बतलाऊं
सचमुच मैं तो ...