हमारी सानसन में आज तक - The Indic Lyrics Database

हमारी सानसन में आज तक

गीतकार - तसलीम फ़ाज़्लिक | गायक - नूरजहां | संगीत - एम अशरफ | फ़िल्म - मेरे हुज़ूर (पाकिस्तानी-फिल्म) | वर्ष - 1977

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हमारी साँसों में आज तक
वो हिना की खुशबू महक रही है
लबों पे नगमें मचल रहे हैं
नज़र से मस्ती झलक रही हैतड़प मेरे बेकरार दिल की
कभी तो उन पे असर करेगी
कभी तो वो भी जलेंगे इस में
जो आग दिल में दहक रही हैवो मेरे नज़दीक आते आते
हया से इक दिन सिमट गये थे
मेरे खयालों में आज तक
वो बदन की डाली लचक रही हैसदा जो दिल से निकल रही है
वो शायर-ओ-नग़मों में ढल रही है
कि दिल के आंगन में जैसे कोई
ग़ज़ल की झांझर छनक रही है