क्यूं हम तुम मिले क्यूं गुल हैं खिले - The Indic Lyrics Database

क्यूं हम तुम मिले क्यूं गुल हैं खिले

गीतकार - जावेद अख्तर | गायक - अलका याज्ञनिक, अनु मलिक | संगीत - अनु मलिक | फ़िल्म - गैग | वर्ष - 1999

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क्यूं हम तुम मिले क्यूं गुल हैं खिले
क्यूं महकी फ़िज़ा क्यूं महकी हवा
क्यूं छाया नशा क्यूं ये सब हुआ
क्यूं दो दिल मुहब्बत में दीवाने से हो गए हैं बताक्या होने को है क्या खोने को है
क्या मौसम है ये क्या आलम है ये
क्या अब हम करें क्या कुछ ना कहें
क्या दुनिया की आँखों से छुप छुप के बस यूं ही मिलते रहें
क्यूं हम तुम मिले ...कैसे कहूं मैं हाल-ए-दिल कैसे कहूं आ मुझसे मिल
कैसे कहूं कहो प्यार है कैसे कहूं इकरार है
कब पास आओगी कब अपनाओगे
कब बहकाओगे कब होगा मिलन
कब झूमेंगे तन कब गायेंगे मन
कब आएंगी ऐसी बहारें कि महकेगा दिल का चमन
क्यूं हम तुम मिले ...कितने हसीं दिन रात हैं कितने हसीं जज़्बात हैं
कितनी हसीं है आरज़ू कितनी हसीं लगती है तू
किसको है पता किसको है खबर
किस दिल में सज़ा किस अरमां का घर
किस दिल में बुना किस दिल में बसा
किस मुहब्बत में देखे हुए इक हसीं ख्वाब का इक नगर
क्यूं हम तुम मिले ...