तकदीर में लिखा है मेरी थोकारें खाना बदर जमाना - The Indic Lyrics Database

तकदीर में लिखा है मेरी थोकारें खाना बदर जमाना

गीतकार - अमर वर्मा | गायक - खुर्शीद | संगीत - सुधीर फड़के | फ़िल्म - आगे बढ़ो | वर्ष - 1947

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तक़दीर में लिखा है मेरी ठोकरें खाना
हाँ
बेदर्द ज़माना -२अब कौन सुने दिल की कहानी मेरे
पोछेगा कौन आँखों का पानी मेरे
ये दिन इसी खाना बदो के प्यार किया
क्यूँ प्यार किया
मरने न दिया जीना भी दुशवार किया
आया न चार दिन भी तुम्हें प्यार निभाना
हाय प्यार निभाना
बेदर्द ज़मानामैया ने मुझे छोड़ दिया
बाबुल ने मुख मोड़ लिया
साजन ने भी दिल तोड़ दिया
हाय
इस दर्द की मारी का रहा कौन ठिकाना
मैं किससे आज रो के सुनावूँ ये फ़साना
सुनावूँ ये फ़साना -२
बेदर्द ज़मानाहै रात अन्धेरी मेरे दिल में है अन्धेरा
मेरे दिल में है अन्धेरा
उजड़ा हुआ है आज मेरा कल का बसेरा
हाय कल का बसेरा
भगवान -४
भगवान मेरी रात का कब होगा सवेरा
कब तक तुझे मनज़ूर है यूँ मुझको रुलाना
हाय मुझको रुलाना
हाय -३
बेदर्द ज़माना -२