हाय हिल गया दिल काले लिबास में बदन गोरस - The Indic Lyrics Database

हाय हिल गया दिल काले लिबास में बदन गोरस

गीतकार - आनंद राज आनंद | गायक - उदित नारायण | संगीत - आनंद राज आनंद | फ़िल्म - मासूम | वर्ष - 1996

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हाय हिल गया दिल
वो कैसे छुक छुक छुक छुक
हाय पड़ी मुश्किल
वो कैसे छुक छुक छुक छुककाले लिबास में हाय
छुक छुक छुक
हाय काले लिबास में बदन गोरा यूं लगे ईमान से
जैसे हीरा निकल रहा हो कोयले की खान से
छुक छुक छुकगुस्से से मुझको घूरती है
कुछ तो वजह होगी
झटका के ज़ुल्फ़ फेंकती है
कुछ तो वजह होगी
किस किस पे हाय किस किस पे किस किस अदा पे तेरी जाऊं मैं सदके
हर अदा है इक से इक बढ़के
ज़ुल्फ़ें उस पर ऐसे सिमटे जब तू मुड़े पलट के
कैसे
काली बदली का टुकड़ा हाय काली बदली का टुकड़ा
ज्यूं हट जाता हो चाँद से
मानो हीरा निकल रहा हो ...मुड़ मुड़ के मुझको देखती है
कुछ तो वजह होगी
जब मैं देखूं तो चौंकती है
कुछ तो वजह होगी
मुड़ मुड़ के हाय मुड़ मुड़ के मुड़ मुड़ के तकना अदाएं दिखाना
कुछ तो है तेरे भी दिल में बताना
देख मिलाकर नज़र नज़र से बेवजह इतरा न
यूं तो कायल कितने हाय यूं तो कायल कितने तेरे होंगे दिल और जान से
मेरे जैसा कोई दीवाना न होगा ईमान से
काले लिबास में बदन ...