रामा दुहाई ज़ुल्मी कसाई पकड़े कलाई - The Indic Lyrics Database

रामा दुहाई ज़ुल्मी कसाई पकड़े कलाई

गीतकार - समीर | गायक - साधना सरगम, उदित नारायण | संगीत - आनंद, मिलिंद | फ़िल्म - बनारसी बाबू | वर्ष - 1998

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रामा दुहाई ज़ुल्मी कसाई पकड़े कलाई
ना टूट जाए हाथ नरम तरम तरम पम ससुरी गरम गरम
रामा दुहाई ...आ चूम लूं गाल गुलाबी बोल ज़रा जान मेरी क्यों है खफ़ा
हाथ लगा ना गोरे बदन को देख कभी करना नही ऐसी खता
चल माना तू कोई हूर है मेरी जां किसलिए मगरूर है
पीछे पड़ा है ज़िद पे अड़ा है चालू बड़ा है
कायको आए ना तुझे शर्म
तरम तरम पम ससुरी ...आया यहां दूर वतन से प्यार की सौगात लिए तेरा सजन
अंग्रेज मैं तू है देहाती होगा नहीं ऐसे कभी अपना मिलन
सजी संवरी दुल्हन के भेष में तुझे ले जाऊंगा मेरे देश में
जा रे अनाड़ी पागल प्रेमी do not touch me. why?
मैं तोड़ दूंगी तेरा भरम
रामा दुहाई ...