आज दिल पे कोई जोर चलता नहीं - The Indic Lyrics Database

आज दिल पे कोई जोर चलता नहीं

गीतकार - आनंद बख्शी | गायक - लता मंगेशकर | संगीत - लक्ष्मीकांत प्यारेलाल | फ़िल्म - मिलन | वर्ष - 1967

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आज दिल पे कोई ज़ोर चलता नहीं
मुस्कुराने लगे थे मगर रो पड़े
रोज ही की तरह आज भी दर्द को
हम छुपाने लगे थे मगर रो पड़े
और अब क्या कहें क्या हुआ हैं हमें
तुम तो हो बेखबर, हम भी अन्जान हैं
बस यही जान लो तो बहोत हो गया
हम भी रखते हैं दिल, हम भी इन्सान हैं
मुस्कुराते हुए हम बहाना कोई फिर बनाने लगे थे, मगर रो पड़े
हैं सितारे कहाँ इतने आकाश पर
हर किसीको अगर एक सितारा मिले
कश्तियों के लिये ये भँवर भी तो हैं
क्या ज़रूरी है सबको किनारा मिले
बस यही सोच के हम बड़े चैन से
डूब जाने लगे थे मगर रो पड़े
उम्रभर काश हम यूँ ही रोते रहे
आज क्यों के हमे ये हुई है खबर
मुस्कुराहट की तो कोई कीमत नहीं
आँसुओं से हुई है हमारी कदर
बादलों की तरह हम तो बरसे बिना
लौट जाने लगे थे मगर रो पड़े