ये दिलानाशिं नज़ारे कराटे हैं क्या इशारे - The Indic Lyrics Database

ये दिलानाशिं नज़ारे कराटे हैं क्या इशारे

गीतकार - जान निसार अख्तर | गायक - मुकेश | संगीत - खैय्याम | फ़िल्म - प्यासे दिल | वर्ष - 1974

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ये दिलनशीं नज़ारे करते हैं क्या इशारे
ये कौन परवतों से छुपकर मुझे पुकारेबन-बन में गूँजती हैं किसकी हसीं सदाएं
दिल की जवाँ उमंगें रह-रह के चौंक जाएं
आहिस्ता से आन बैठे कोई मेरे सहारे
ये कौन परवतों से ...फूलों की ओट लेकर ये कौन मुस्कराए
पल-पल गुज़र रहे हैं किसके बदन के साए
ग़ैरों के कुछ निशाँ हैं सचमुच नदी किनारे
ये कौन परवतों से ...सब कुछ लगे फ़साना सब कुछ लगे कहानी
चेहरे को उसके छूकर हर सुबह हो सुहानी
उसकी हँसी चुराएं रातों के चाँद-तारे
ये कौन परवतों से ...