छोडो भी ये गुस्सा कुछ कटा है तेरी - The Indic Lyrics Database

छोडो भी ये गुस्सा कुछ कटा है तेरी

गीतकार - रानी मलिक | गायक - अनुराधा पौडवाल, विपिन सचदेवा | संगीत - अनु मलिक | फ़िल्म - शबनम | वर्ष - 1994

View in Roman

छोड़ो भी ये गुस्सा जो हुआ सो हुआ
छोड़ो भी ये किस्सा जो हुआ सो हुआ
कुछ खता है तेरी कुछ खता है मेरी
बराबर का है हिस्सा जो हुआ सो हुआ
छोड़ो भी ये गुस्सा ...कहां गया वो सब घूमना घुमाना
आते ही मुझको बाहों में उठाना
तुम भी भूल गईं वो खिलखिलाना
आँखों ही आँखों में प्यार जताना
तुम्हीं ने तो पहले छेड़ी ये लड़ाई
भूल गए प्यार में जो कसमें खाईं
हर वक़्त काम में खोई रहती हो
मेरी इक ज़माने से याद नहीं आई
तू झूठा है नहीं सच्ची हैं ये अदाएं पर बड़ी अच्छी हैं
जो होना था हो गया ऐ सनम जाने दो
कुछ खता है तेरी ...होंठों पे आई बात चलो कह डालूं
दिल का तो अच्छा है पर झगड़ालू
तेरी चाहत में जान भी गंवा दूं
कहीं और देखे न दिल मेरा जले है
जब ये जैसे सौ सौ छुरियां चले हैं
यही बात उतरे न मेरे गले है
तुझे कोई और चाहे मुझको खले है
तू पगली है तू दीवाना मैं शमा हूँ मैं परवाना
जलना ही था हमको प्यार में जल जाने दो
कुछ खता है तेरी ...